From whom will political parties have to take permission to put up posters, banners and flex

राजनैतिक दलों को पोस्टर, बैनर और फ्लेक्स लगाने के लिए किससे लेनी होगी अनुमति, क्या है मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मोनिटरिंग कमेटी

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From whom will political parties have to take permission to put up posters, banners and flex

अर्थ प्रकाश/धर्मवीर सिंह 

From whom will political parties have to take permission to put up posters, banners and flex: लोक सभा चुनाव की घोषणा के बाद सभी कार्यालय चुनाव आयोग के दिशा निर्देश के तहत काम करने लगे हैं। जहां तक राजनीतिक दलों के प्रचार को लेकर सवाल है। बिना स्वीकृति के कोई भी राजनीतिक दल व प्रत्याशी  फ्लेक्स, पोस्टर व बैनर नहीं लगा सकता। स्वीकृति के बाद ही निर्धारित स्थानों पर प्रचार सामग्री लगाई जा सकती है। चुनाव प्रचार से संबंधित सामग्री को लेकर आदेशों की अवहेलना करने पर  धारा- 425, 426, 427, 433 व 133 के तहत कार्रवाई का प्रावधान हैं। लोकसभा चुनाव प्रक्रिया के दौरान कोई भी व्यक्ति, राजनीतिक दल या चुनाव उम्मीदवार बिना सम्पति मालिक की स्वीकृति के पोस्टर, बैनर या स्लोगन आदि नहीं लगा सकता है। ऐसा करने के लिए संबंधित संपत्ति के मालिक से पूर्व में लिखित रूप से स्वीकृति लेनी होगी।

आदर्श आचार संहिता, हरियाणा प्रिवेंशन ऑफ डिफेसमेंट प्रॉपर्टी एक्ट व म्यूनिसिपल लॉ के अनुसार किसी भी निजी या सरकारी संपत्ति पर उसके मालिक की लिखित स्वीकृति के बिना किसी भी प्रकार का पोस्टर, बैनर आदि नहीं लगाया जा सकता है। बिना लिखित स्वीकृति के ऐसा करने वाले के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-425, 426, 427 व 433 आदि और अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा-133 के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही ऐसा करने वाले के खिलाफ हरियाणा प्रिवेंशन ऑफ डिफेसमेंट प्रॉपर्टी एक्ट व म्यूनिसिपल लॉ के तहत भी कार्रवाई हो सकती है। संबंधित मालिक से लिखित स्वीकृति के बाद केवल जिला प्रशासन द्वारा चिन्ह्ति किए गए स्थानों पर ही विज्ञापन, जिनमें पोस्टर, बैनर, होर्डिंग या दीवार पर किसी भी प्रकार की लिखावट इत्यादि लगाए जा सकते हैं। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार रास्तों पर लगाए गए संकेत चिह्न, दिशा निर्देशक, रेलवे स्टेशन के नोटिस बोर्ड या बस टर्मिनल के नोटिस बोर्ड और चस्पा बोर्डों आदि पर भी चुनाव प्रचार सामग्री नहीं लगाई जा सकती।

इतना ही नही जिला के सभी संबंधित एआरओ को इन आदेशों की अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में अनुपालना की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आदेशों के अनुसार अगर कहीं से चुनाव सामग्री उतरवानें की जरूरत पड़ती है, तो उडऩदस्तों की टीम की मदद से निरीक्षण कर आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करेंगे और संबंधित सहायक रिटर्निंग अधिकारी को समय-समय पर रिपोर्ट देंगे। जिम्मेदारी को ठीक से न निभाने या आदेशों में कोताही बरतने वाले अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जा सकती है। जिला के सभी विभागों, बोर्डों, निगमों और शिक्षण संस्थानों आदि के उच्च अधिकारी अपने परिसर के अंदर व बाहर इन आदेशों की अनुपालना के लिए निजी तौर पर जिम्मेदार होंगे। जिला प्रशासन प्रचार सामग्री को उतरवाने का खर्चा भी संबंधित राजनीतिक दल से वसूल कर सकता है।

चुनाव प्रचार-प्रसार से संबंधित विज्ञापन के प्रसारण के लिए एमसीएमसी कमेटी से लेनी होगी स्वीकृति

चुनाव प्रक्रिया के दौरान केबल ऑपरेटर बिना प्रमाण पत्र के किसी भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी के विज्ञापन का प्रसारण नहीं कर सकता है। ऐसा करने पर केबल ऑपरेटर के खिलाफ सख्त कार्यवाही हो सकती है।  चुनाव आयोग के निर्देशों की अनुपालना में जिला स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) का गठन कर दिया गया है। संबंधित डीआईपीआरओ इस कमेटी के सदस्य सचिव होता हैं। जिला के सभी केबल ऑपरेटरों को डीआईपीआरओ के माध्यम से समय-समय पर दिए जाने वाले निर्देशों का पालन निर्धारित समय पर करना जरूरी है। कमेटी केबल चैनलों की गहनता से मॉनिटरिंग करेगी और केबल पर चुनाव से संबंधित चलने वाले प्रत्येक विज्ञापन पर कड़ी नजर रहेगी। कोई भी केबल ऑपरेटर बिना कमेटी की अनुमति व प्रमाण पत्र के कोई भी विज्ञापन नहीं चला सकता है। अगर नियमों का उलंघन किया जाता है या केबल ऑपरेटर के खिलाफ कोई शिकायत आती है तो तुरंत उस केबल ऑपरेटर के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। कमेटी द्वारा विज्ञापन के लिए जारी किए जाने वाले प्रमाण पत्र पर संबंधित सक्षम अधिकारी की मोहर व हस्ताक्षर होंगे और साथ ही विज्ञापन की सीडी पर भी मोहर व हस्ताक्षर होंगे। केबल ऑपरेटर को विशेष ध्यान रखना है कि केवल मोहर व हस्ताक्षर वाली सीडी को ही विज्ञापन के तौर पर चलाना है। सभी केबल ऑपरेटरों को चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित नियमों सहित केबल टीवी नेटवर्क रेगुलेशन एक्ट की पालना भी सुनिश्चित करनी है।

 विज्ञापन प्रसारण के लिए संबंधित उम्मीदवार को एनेक्सचर-ए में आवेदन करना होगा, जिस पर विचार करके एमसीएमसी कमेटी विज्ञापन प्रसारण के लिए एनेक्सचर बी में प्रमाण पत्र देगी। विज्ञापन प्रसारण का प्रमाण पत्र लेने के लिए आवेदनकर्ता को प्रसारित किए जाने वाले विज्ञापन की दो प्रतियां सीडी में देनी होंगी। साथ ही सीडी में दी गई प्रचार सामग्री की स्क्रिप्ट की दो प्रतियां भी आवेदन के साथ जमा करवानी होंगी। राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर पंजीकृत राजनैतिक पार्टी व उनके उम्मीदवारों को विज्ञापन प्रमाण पत्र के लिए प्रसारण के कम से कम तीन दिन पहले आवेदन करना होगा। विज्ञापन प्रमाण पत्र के लिए प्राप्त आवेदनों पर एमसीएमसी कमेटी निर्धारित समय के अंदर फैसला लेगी। अगर किसी विज्ञापन के प्रसारण पर कमेटी को आपत्ति है तो वह आवेदन को निरस्त कर सकती है या फिर विज्ञापन को दुरूस्त करने के लिए संबंधित को लिख सकती है। इसके लिए संबंधित पक्ष को 24 घंटे का समय दिया जाएगा और उसे विज्ञापन को दुरूस्त करके दोबारा आवेदन करना होगा।

चुनावी प्रक्रिया के दौरान एमसीएमसी रखेगी पेड न्यूज पर नजर

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार गठित की गई एमसीएमसी कमेटी में मीडिया व सोशल मीडिया एक्सपट्र्स भी  शामिल होते हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान उम्मीदवारों व राजनीतिक दलों के प्रचार-प्रसार पर निरंतर निगरानी रखने के लिए जिला स्तर पर भी मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी चुनाव के दौरान प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया पर राजनीतिक चुनाव प्रचार की मॉनिटरिंग करेगी। इसके अलावा कमेटी का कार्य पेड न्यूज पर कार्रवाई करना व मीडिया माध्यमों पर चुनावी विज्ञापनों के प्रकाशन व प्रसारण से पूर्व प्रमाण पत्र प्रदान करना है। इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया पर उम्मीदवार व राजनीतिक दल के चुनाव प्रचार से संबंधित सामग्री के प्रसारण से पूर्व एमसीएमसी कमेटी से प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है।